नमस्ते! आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में “Google Fred क्या है” के बारे में बात करेंगे, जो एक एसईओ (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) टर्म है और आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को कैसे प्रभावित कर सकता है, जिसके बारे में शायद आपने पहले सुना नहीं होगा।
गूगल फ्रेड, गूगल सर्च एल्गोरिदम का एक महत्वपूर्ण अपडेट है, जिसका सर्च इंजन रैंकिंग और ट्रैफिक पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
इस आर्टिकल में हम आपको गूगल फ्रेड के कॉन्सेप्ट को समझने में मदद करेंगे, उसके प्रभाव को समझने के लिए कुछ वास्तविक जीवन के उदाहरण देंगे, और आखिरी में आपकी वेबसाइट को गूगल फ्रेड के बदलावों से बचाने के लिए कुछ टिप्स भी शेयर करेंगे।
तो चलिए शुरू करते हैं और गूगल फ्रेड के रहस्य को उजागर करते हैं, ताकि आप अपनी वेबसाइट की एसईओ रणनीति को बेहतर बनाकर सर्च इंजन में अच्छी रैंकिंग हासिल कर सकें। आइये शुरू करते हैं!🧐
गूगल फ्रेड क्या है? (What is Google Fred in Hindi)
Google फ्रेड एक एल्गोरिदम अपडेट है जो Google ने 2017 में रिलीज किया था। Fred Update का मुख्य फोकस Low-quality और spammy content वाली वेबसाइटों पर था।
इस अपडेट के बाद वेबसाइटों की रैंकिंग कम हुई या फिर उनके ट्रैफिक पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
गूगल फ्रेड अपडेट ने विशेष रूप से उन वेबसाइटों को Target किया है, जिनपर बहुत सारे एड्स होते थे, लेकिन valuable material कम होती थी। इसका लक्ष्य यूजर को उच्च-गुणवत्ता, जानकारीपूर्ण और मूल्यवान सामग्री प्रदान करना है।
फ्रेड अपडेट से पहले भी गूगल ने कोई अपडेट रिलीज नहीं किया था, क्योंकि इनसे पहले User Experience और Quality Content पर फोकस किया जाता था, जैसे पांडा, पेंगुइन और हमिंगबर्ड।
फ्रेड अपडेट के बाद, Webmasters और SEO experts को अपनी वेबसाइटों की quality और content पर अधिक ध्यान देना पड़ा।
हाई क्वालिटी वाला कंटेंट बनाना, एड्स को सही तरीके से स्थान देना और यूजर अनुभव को सुधारना, सभी कारकों में Google फ्रेड अपडेट के नकारात्मक प्रभाव से बचने में मदद की।
Google Fred कैसे काम करता है
गूगल फ्रेड एक एल्गोरिथम अपडेट है, जिसकी सही कामकाजी जानकारी गूगल ने सार्वजनिक रूप से प्रकट नहीं की है। लेकिन कुछ Overview और SEO experts की अंतर्दृष्टि के आधार पर, हम कुछ जानकारी शेयर कर सकते हैं।
Google फ्रेड का फोकस Low-quality और spammy content वाली वेबसाइटों पर था। इस अपडेट के माध्यम से, Google ने उन वेबसाइटों को Target किया है, जिनपर बहुत सारे विज्ञापन होते थे, लेकिन मूल्यवान सामग्री कम होती थी। फ़्रेड अपडेट से पहले भी गूगल ने कोई अपडेट जारी नहीं किया था, जिससे यूजर अनुभव और गुणवत्तापूर्ण सामग्री पर ध्यान केंद्रित किया जा सका।
कुछ संभावित कारक फ्रेड अपडेट के काम करने में शामिल हो सकते हैं:
- Content Quality: फ्रेड अपडेट का एक महत्वपूर्ण पहलू content-quality है। वेबसाइटों को High-quality, informative और valuable content प्रदान करना चाहिए। Content में अत्यधिक कीवर्ड स्टफिंग, अप्रासंगिक कंटेंट, और पतला कंटेंट (कम जानकारीपूर्ण कंटेंट) से बचना महत्वपूर्ण है।
- Ad Placement: फ्रेड अपडेट ने विज्ञापनों को भी टारगेट किया है। वेबसाइटों पर विज्ञापनों की अधिकता से जगह बनती है, जिसका यूजर अनुभव प्रभावित होता है, उन पर फ्रेड अपडेट का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विज्ञापनों को सही तरीके से जगह देना और कंटेंट में संतुलन रखना जरूरी है।
- User Experience: यूजर अनुभव भी फ्रेड अपडेट के लिए महत्वपूर्ण कारक है। वेबसाइटों को User-Friendly बनाना चाहिए, ताकि यूजर आसानी से नेविगेट कर सकें और मूल्यवान जानकारी तक पहुंच सकें। Slow page speed, broken links, और poor mobile optimization जैसे कारक यूजर अनुभव को प्रभावित करते हैं।
- Backlinks: फ्रेड अपडेट का इम्पैक्ट बैकलिंक्स पर भी हो सकता है। Low-quality, spammy और irrelevant backlinks से बचना चाहिए। Natural और high quality वाले बैकलिंक्स बनाना महत्वपूर्ण है।
ये कारक संभव हैं, लेकिन Google के एल्गोरिदम की सटीक कार्यप्रणाली के बारे में कोई निश्चित जानकारी उपलब्ध नहीं है। Google नियमित रूप से अपने एल्गोरिदम को अपडेट करता रहता है, इसलिए SEO की सर्वोत्तम प्रथाओं को फॉलो करके उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री और उपयोगकर्ता अनुभव पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है।
गूगल फ्रेड के फायदे और नुकसान
Google फ्रेड के फ़ायदे और नुक्सान नीचे दिए गए है:
🟢Fayde:
- Quality-Content को बढ़ावा देने से फ़ायदा हुआ, जो यूजर को बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है।
- वेबसाइटों को यूजर अनुभव और उपयोगिता पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत समझ में आती है।
- स्पैमी और निम्न-गुणवत्ता वाली सामग्री वाली वेबसाइटों की रैंकिंग कम हुई, जिनके यूजर को बेहतर खोज परिणाम मिलने शुरू हुए।
🔴Nuksan:
- अत्यधिक विज्ञापनों वाली वेबसाइटों में मूल्यवान सामग्री कम होती है, उनकी रैंकिंग और ट्रैफ़िक पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- फ्रेड अपडेट के बाद कुछ वेबसाइटों की रैंकिंग और ट्रैफ़िक में अचानक गिरावट का अनुभव हुआ।
- एसईओ विशेषज्ञों और वेबमास्टरों को अपनी वेबसाइटों की गुणवत्ता और सामग्री पर अधिक ध्यान देना पड़ा, जिसके लिए शुरुआत में कुछ व्यवधान और समायोजन की आवश्यकता हुई।
ये पॉइंट्स फ्रेड अपडेट के जनरल फ़ायदे और नुक्सान है। हर वेबसाइट और स्थिति अलग हो सकती है, इसलिए विशिष्ट प्रभाव और परिणाम अलग-अलग हो सकते हैं।
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Conclusion
तो दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हमने जाना कि Google Fred Kya Hota hai?
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने ”Google Fred” की जानकारी शेयर कि है जो आपके बहुत काम आने वाली है अगर आपको इस पोस्ट से लेकर कोई सवाल या सुझाव है तो हमें comment बॉक्स में जरूर बताये
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“मैं Aashish Kushwaha, एक passionate content creator और digital entrepreneur हूँ। मुझे Blogging, SEO और Affiliate Marketing का real-time अनुभव है और मैं अपने ब्लॉग पर step-by-step tutorials, case studies और earning tips share करता हूँ। मेरा mission है कि हर beginner blogger online दुनिया में अपना career बना सके।”
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